द्रमुक सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में मास्को पहुंचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी नेतृत्व के समक्ष किया साफ
मास्को। द्रमुक सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में मास्को पहुंचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी नेतृत्व के समक्ष आतंकवाद कतई वर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति दोहराई है और इस बात पर जोर दिया है कि भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को वर्दाश्त नहीं करेगा । मास्को में शुक्रवार को अपनी बैठकों के दौरान, दोनों पक्षों ने आतंकवाद विरोधी उपायों को मजबूत करने और सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद को खत्म करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
मास्को में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी संसद के दोनों सदनों के अलावा थिंक टैकों सहित कई बैठकें कीं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा वैश्विक आतंकवाद विरोधी ढांचे को मजबूत करने और वहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिवद्धता को मजबूत करने के भारत के लंबे समय से चले आ रहे प्रयास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से हो रही है।
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प्रतिनिधिमंडल में राजीव राय, सांसद, राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी, कैप्टन वृजेश चौटा (सेवानिवृत्त), सांसद, भाजपा, प्रेम चंद गुप्ता, राज्य सभा सांसद, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), अशोक कुमार मित्तल, राज्यसभा सांसद, आम आदमी पार्टी, राजदूत मंजीव सिंह पुरी, यूरोपीय संघ, वेल्जियम, लक्जमवर्ग और नेपाल के पूर्व राजदूत, संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व उप स्थाई प्रतिनिधि शामिल है।
प्रतिनिधिमंडल ने फेडरेशन काउंसिल की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष एंड्री डेनिसोव और अन्य सीनेटरों के साथ वातचीत की। वातचीत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में कानूनी स्तर पर एकमत कायम करने पर केंद्रित थी। भारतीय पक्ष ने आतंकवाद के खिलाफ देश की लड़ाई में प्रतिक्रिया के रूप में ऑपरेशन सिंदूर की ओर ध्यान आकर्षित किया।
बाद में, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट ड्यूमा की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की के साथ बैठक की और स्टेट ड्यूमा के सदस्यों के साथ वातचीत की। दोनों पक्षों ने भारत-रूस संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और समय की कसौटी पर खरे सावित होने की प्रकृति की पुष्टि की, जो आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित है।
चर्चाओं में वैश्विक सुरक्षा वास्तुकला, उभरते भू- राजनीतिक परिदृश्य और वहुपक्षीय सहयोग सहित कई मुद्दों को शामिल किया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की अनिवार्यता को रेखांकित किया, जिसमें आतंकवादी संस्थाओं को सुरक्षित पनाहगाह, वित्तपोषण और राजनीतिक औचित्य से वंचित करने के लिए विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय तां की आवश्यकता शामिल है।
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